विक्रय वि.वि. अपनी गरिमा खोता जा रहा प्रोफेसरो को नही आता जाता कुछ
विक्रय वि.वि. अपनी गरिमा खोता जा रहा प्रोफेसरो को नही आता जाता कुछ
प्रकाश भारत में छपी एक खबर विक्रम विश्वविद्यालय को लेकर काफी चर्चा में है जिसमें विध्यार्थीयों को 0 अंक दिये गये क्या ऐसा संभव है कि 100 छात्रों को शुन्य अंक प्राप्त हो।
प्रोवफेसर साहब साहब को इतना तो जरूर पता होना चाहिये कि बच्चे कुछ लीखा है तो उसकी मेहनत के ही अंक दे दिये जावे चाहे वह गलत हो या सही अब यह बात प्रोफेसर को तो कोई समझाने से रहा
छात्रो के भविष्य के साथ खिलवाड किया जाना एक कानुनी अपराध की क्षेणी में आता है तो क्या बच्चे सही होंगे तो जांच कर्ता एवं निगरानीकर्ता पर काननुी कार्यवाही भी संभव हो पायेगी।
इससे सही जो छात्र है उन्हे आगे आना चाहिये और अपने अधिकार के लिये आवाज जरूर उठानी चाहिये
यह है पुरी खबर
रतलाम प्रकाशभारत न्यूज उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा मे है। आरोप है कि इस बार विश्वविद्यालय ने बीकॉम सेकंड ईयर के 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स को फाउंडेशन सहित इलेक्टिव सब्जेक्ट में शून्य अंक दे दिए। रतलाम शहर के तीन कॉलेज के 100 से ज्यादा स्टूडेंट इस रिजल्ट से परेशान है जो अब आंदोलन की राह पर है। स्टूडेंट का आरोप है कि वह उनके पेपर बहुत अच्छे गए थे इसके बावजूद उन्हें शून्य अंक कैसे आए यह समझ से परे हैं।
स्टूडेंट का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन अपनी गलती सुधारे और उन्हें पास करें । वे रिवैल्युएशन का फॉर्म नहीं भरेंगे। हालांकि इस रिजल्ट के बाद अब स्टूडेंट उज्जैन जाकर विश्वविद्यालय के चक्कर भी काट रहे हैं।
वही इस मामले में गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल का कहना है की पासिंग मार्क्स 35 होते हैं । अगर 35 से एक नंबर भी कम होता है तो ग्रेडिंग सिस्टम उसे शून्य दर्शाता है।
एक माह पहले भी गर्ल्स कॉलेज की बीकॉम फायनल ईयर कि 25 से अधिक छात्राओं को विश्वविद्यालय ने इकानोमिक्स के पेपर में अनुपस्थित बताकर 00 मार्क्स दे दिए थे । इसके बाद जमकर हंगामा हुआ था और यूनिवर्सिटी प्रबंधन को अपना फैसला वापस लेते हुए सभी छात्राओं को पास की मार्कशीट जारी करनी पड़ी।
इस बार यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कॉलेज प्रबंधन से स्टूडेंट्स की जानकारी बुलवाई है जिसके बाद फैसला होने की उम्मीद है।