The most special thing about Kargil victory
कारगिल विजय की सबसे खास बात यह है कि:
today is kargir victory day
लेखक राजेश वासनवाल रतलाम
कारगिल की धरती गूंज उठी, वीरों की जयकार,
शत्रु को दी शिकस्त वहां, लहराया तिरंगा अपार।
बलिदानों से लिखी कहानी, साहस की पहचान,
भारत के उन वीर जवानों को शत् शत् प्रणाम।
चार पक्तियाॅ शोर्य की
शौर्य की वो ज्वाला जलती, वीरों ने जो बलिदान दिया।
धरा लहू से पावन करके, भारत को सम्मान दिया।
तिरंगा लहराता नभ में, गाथा उनकी कहता है।
हर दिल में वो जज्बा आजादी का रहता है।
चार पक्तियाॅ शोर्य की
शौर्य की मिसाल बने जो, वो अमर जवान हमारे हैं,
सीना ताने रण में उतरे, जो दुश्मन पर भारी हैं।
कांप उठी थी धरती जब, गर्जे सपूत भारत के,
बलिदानों की छांव तले, फूले चमन निखारत के।
चार पक्तियाॅ शोर्य की
तिरंगे की शान में बहती, हर साँस ये बोल उठे,
माटी के कण-कण में उनके, साहस के फूल खिलें।
जय हिंद की गूंज लिए, इतिहास बना हर वीर,
भारत माता गर्व करे, जयकारा हो चहुँ ओर फिर।
यह युद्ध भारत के सैनिकों के अदम्य साहस, अद्वितीय पराक्रम और बलिदान की अमर गाथा है।
विशेष रूप से:
भारतीय सैनिकों ने 18,000 फीट की ऊंचाई पर, बेहद कठिन हालात (जैसे -20°C तापमान, बर्फीली हवाएं, ऊबड़-खाबड़ इलाके) में लड़ाई लड़ी और दुश्मन के कब्जे से हमारी जमीन वापस ली।
The most special thing about Kargil victory Four lines on Kargil victory
कुछ खास बातें जो इसे विशेष बनाती हैं:
- “ऑपरेशन विजय” की सफलता – यह ऑपरेशन 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ, जब भारत ने कारगिल की सभी चोटियों से दुश्मन को पीछे खदेड़ दिया।
- साहसिक वीरता – कैप्टन विक्रम बत्रा (“ये दिल मांगे मोर”), ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव, और राइफलमैन संजय कुमार जैसे वीरों ने असंभव परिस्थितियों में असाधारण वीरता दिखाई।
- भारत की एकता और जनता का समर्थन – पूरे देश ने एकजुट होकर सेना का समर्थन किया, रक्तदान शिविर, प्रार्थना सभाएं, और हर घर में देशभक्ति की भावना उमड़ पड़ी।
- युद्ध का नैतिक पक्ष – भारत ने केवल अपनी भूमि को वापस लिया, दुश्मन की सीमा में प्रवेश नहीं किया, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि मजबूत हुई।
निष्कर्ष:
कारगिल विजय केवल एक सैन्य जीत नहीं थी, यह भारत की अखंडता, आत्मसम्मान और अटल साहस का प्रतीक है। यही इसे सबसे खास बनाता है।
The most special thing about Kargil victory Four lines on Kargil victory
