सोमनाथ ज्योतिर्लिंग यात्रा मध्यप्रदेश मेंः भक्ति, धरोहर और इतिहास का संगम
Somnath Jyotirlinga Yatra in Ratlam on December 21
Ratlam A part of the original Somnath Jyotirlinga was found after a hundred years.
12 दिसंबर 2025, रतलाम शहर में इन दिनों भक्ति, आनंद और आध्यात्मिक उल्लास का रंग छाया हुआ है, क्योंकि निवासी दिव्य सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के आगमन की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

1000 वर्षों बाद मिले मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग अंश का अनावरण
सदियों तक दुनिया से छिपे रहने के बाद, इतिहास में खोए हुए इन अंश को अब मध्यप्रदेश के कई शहरों में जनमानस के दर्शन हेतु यात्रा आयोजित की गई है। भक्तों को भारत की आध्यात्मिक विरासत से जुड़ने का दुर्लभ अवसर मिलेगा। वातावरण भक्ति से परिपूर्ण होगा जब मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के 11 अंश को सार्वजनिक दर्शन के अलग अलग शहरों लिए लाया जा रहा है जिसमें रतलाम में 21 और 22 दिसम्बर को कालिका माता प्रांगण रतलाम तथा विरूपाक्ष शिव मंदिर बिल्पांक में किया जाएगा।

Somnath Jyotirlinga Yatra in Ratlam on December 21
आधुनिक वैज्ञानिकों ने जब शिवलिंग का परीक्षण किया तो वे आश्चर्यचकित रह गए। सामान्य चुंबकीय पत्बरों के विपरीत, इस पत्थर में एक अनोखा चुंबकीय क्षेत्र पाया गया, जो इसके केंद्र में केंद्रित था। इसकी संरचना अध्ययन के बाद-किसी ज्ञात पदार्थ से मेल नहीं खाई। सामान्य चुंबकीय तत्वों में जहाँ लोहे की मात्रा अधिक होती है, वहीं इन शिवलिंगों में सिर्फ अल्प मात्रा में ही लोहे के अंश पाए गए। यह भूवैज्ञानिकों के लिए भी जिज्ञासा का विषय बन गया। यह क्षण कई लोगों के लिए भावनाओं से भरा हुआ है।

Somnath Jyotirlinga Yatra in Ratlam on December 21
सोमनाथ में पुनः प्रतिष्ठा से पहले, ये अवशेष देश के प्रमुख तीर्थस्थलों और पवित्र केंद्रों की यात्रा करेंगे ताकि हर जगह के भक्त दर्शन कर सकें। यह यात्रा देश को उसकी खोई हुई आध्यात्मिक धरोहर से फिर से जोड़ने का उद्देश्य लेकर निकली है।
संपूर्ण मध्यप्रदेश में यात्रा का कार्यक्रम बनाया गया है।
Somnath Jyotirlinga Yatra in Ratlam on December 21
सोमनाय ज्योतिर्लिंग की वापसी केवल एक मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं है-यह एक विरासत का पुनर्जागरण है, यह स्मरण है कि सत्य और दिव्यता कभी खो नहीं सकती।
तमिलनाडु के पंडित सीताराम शास्त्री, जो पीढ़ियों से इन लिंगों की पूजा करते आ रहे थे, इन्हें लेकर कांची शंकराचार्य के पास गए। शंकराचार्य ने उन्हें निर्देश दियाः “इन्हें बेंगलुरु ले जाइए। वहाँ एक संत हैं-गुरुदेव श्री श्री रविशंकर। इन्हें उनके पास ले जाएँ।”
Somnath Jyotirlinga Yatra in Ratlam on December 21
विश्व ध्यान दिवस भी मनाया जाएगा
विश्व विख्यात मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्री श्री रविशंकर विश्वभर में शांति और सद्भाव का संदेश फैला रहे हैं, और यह महत्वपूर्ण है कि प्रतिष्ठा से पहले ये ज्योतिर्लिंग उनके संरक्षण में हैं। शांति के दूत के रूप में, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं। पिछल वर्ष भी श्री श्री के साथ विश्व रिकार्ड 25 लाख से ज्यादा लोगों ने एक ही समय ध्यान किया था और इस बार भी श्री श्री शाम 8 बजे पूरे विश्व को ध्यान करवाएंगे/
