Home Department issued order: गृह विभाग ने जारी किया आदेश जेल के केदियो की कटटरता को लेकर भय एवं उससे निपटने के सरकार के उपाय

Home Department issued order: गृह विभाग ने जारी किया आदेश जेल के केदियो की कटटरता को लेकर भय एवं उससे निपटने के सरकार के उपाय

Home Department issued order

News By Rajesh Wasanwal

INDIA/ जेल के कैदियों की कट्टरता (radicalization) एक गंभीर सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी समस्या है। इसका संबंध उन विचारों और मानसिकताओं से होता है, जिनसे कैदी हिंसक या उग्रवादी प्रवृत्तियों की ओर अग्रसर हो जाते हैं — चाहे वह धार्मिक उग्रवाद हो, जातीय हिंसा हो, या आपराधिक गिरोहों की विचारधारा हो। यह जेल के भीतर भी शांति भंग कर सकता है और कैदियों के पुनर्वास की प्रक्रिया को भी विफल कर सकता है।

ग्रह विभाग ने एक पत्र जारी करते हुवे सभी राज्यो को बताया है कि जेल में बंद केदिया को उनकी हिस्ट्री के अनुसार रखा जावे एवं कभी भी दंगा आदी भटक सकता है इसके लिये पुख्ता इंतजाम किया जावे

Home Department issued order:

🔴 कट्टरता को लेकर भय (चिंताएँ):

  1. हिंसक उग्रवाद का प्रसार – कुछ कैदी जेल में उग्रवादी विचारधारा अपनाते हैं और दूसरों को भी प्रभावित करते हैं।
  2. जेल के भीतर गिरोहबंदी – अपराधी गिरोहों का वर्चस्व और उनका नेटवर्क जेल के अंदर मजबूत होता है।
  3. पुनः अपराध करने की प्रवृत्ति (Recidivism) – कट्टर विचारधारा अपनाने वाले कैदी जेल से छूटने के बाद समाज में फिर से अपराध कर सकते हैं।
  4. सुरक्षा जोखिम – जेल कर्मचारियों की सुरक्षा और जेल प्रशासन की व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है।

सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख उपाय:

Home Department issued order:

  1. कट्टरपंथ विरोधी कार्यक्रम (Deradicalization Programs):
    1. विशेष मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और धार्मिक परामर्श कार्यक्रम।
    1. कैदियों को वैकल्पिक, शांति-प्रेरित दृष्टिकोण सिखाने के लिए प्रशिक्षित इमाम, सामाजिक कार्यकर्ता और काउंसलर तैनात किए जाते हैं।
  2. खुफिया निगरानी व विश्लेषण (Surveillance & Intelligence):
    1. जेल के भीतर कट्टर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष निगरानी तंत्र।
    1. संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने वाले मुखबिर नेटवर्क।
  3. संगठनात्मक अलगाव (Segregation of Radical Elements):
    1. कट्टर विचारधारा वाले कैदियों को अलग बैरकों में रखा जाता है ताकि वे दूसरों को प्रभावित न कर सकें।
  4. शैक्षिक एवं नैतिक शिक्षा कार्यक्रम:
    1. जेलों में शिक्षण, योग, ध्यान और नैतिक शिक्षा के माध्यम से सुधार लाया जाता है।
    1. व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर कैदियों को पुनर्वास के लिए सक्षम बनाया जाता है।
  5. डिजिटल निगरानी और संचार नियंत्रण:
    1. मोबाइल फोन व इंटरनेट का अवैध उपयोग रोकने के लिए जैमर और डिजिटल सुरक्षा उपाय।
    1. बाहरी संपर्कों की निगरानी ताकि उग्रवादी नेटवर्क से संपर्क न बना सकें।
  6. जेल स्टाफ का प्रशिक्षण:
    1. जेल अधिकारियों को कट्टरता की पहचान, संवाद कौशल, और संकट प्रबंधन में प्रशिक्षित किया जाता है।

📌 भविष्य के लिए सुझाव:

Home Department issued order:

  • सामाजिक पुनर्वास पर अधिक ध्यान दें – केवल दंड नहीं, बल्कि सुधारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा।
  • समाज और समुदाय की भूमिका – कैदियों की वापसी के लिए समाज को भी स्वीकार्यता दिखानी होगी।

प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग – AI व डाटा एनालिटिक्स का प्रयोग कर कट्टरता के शुरुआती संकेतों की पहचान की जा सकती है।

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