Guru Purnima UTASAV: गुरू पूर्णिमा festival, renunciation or faith

Guru Purnima UTASAV: गुरू पूर्णिमा उत्सव

Guru Purnima UTASAV: गुरू पूर्णिमा उत्सव

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में गुरू पूर्णिमा उत्सव मनाया गया

रतलाम । प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में गुरु पूर्णिमा उत्सव का भव्य आयोजन किया गया । इस आयोजन के प्रथम दिवस में मुख्य अतिथि सुश्री हांसी शिवानी थी । प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन किया गया । छात्रा कु. तालेबा खान द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई । जिसके पश्चात छात्रा कु. महक दंसोदी द्वारा गुरुजनों के सम्मान में गुरू वंदना एवं शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी गई ।


इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ गुरुजनों का सम्मान किया गया । जिसमें विशेष रूप से डॉ. एस.के. जोशी, डॉ. सरोज जोशी, डॉ. बी.एच. शर्मा, डॉ. पी.सी. पाटीदार, पदमा भांभरा एवं डॉ. शकुंतला जैन आदि को शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया । प्रथम सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य वाय.के. मिश्र  द्वारा संस्था के उत्तरोत्तर उन्नयन एवं विकास पर सारर्भित उदबोधन दिया गया ।

Guru Purnima UTASAV: गुरू पूर्णिमा उत्सव


कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में आमंत्रित अतिथि कैलाश व्यास द्वारा भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य के प्रगाढ़ संबंधों को रेखांकित करते हुए प्राचीन भारतीय गुरू शिष्य परंपरा को उल्लेखित किया गया। शिकागो सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद जी के उदबोधन का उल्लेख भी किया गया। प्रथम दिवस के अंतिम वक्ता के रूप में आमंत्रित (पूर्व छात्रा)  विदुषी श्रीमती विनिता लोढ़ा द्वारा वर्तमान परिदृश्य में शिक्षा में निहित मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए ‘नैतिक शिक्षा और वर्तमान शिक्षा प्रणालीÓ विषय पर अपना उदबोधन दिया । चरित्र निर्माण करने वाली नैतिक शिक्षा की प्रासंगिकता का उल्लेख किया गया ।

Guru Purnima UTASAV: गुरू पूर्णिमा उत्सव
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में ‘गुरू का महत्वÓ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर  प्रसिद्ध साहित्यकार रतलाम के गौरव संस्कृत विद विद्वान मुरलीधर चांदनी वाला द्वारा अपना व्याख्यान दिया गया जिसमें आपने गुरू पूर्णिमा दिवस की प्रासंगिकता एवं गुरू शब्द के महत्व को रेखांकित करते हुए अपने विचार व्यक्त किए ।

Guru Purnima UTASAV: गुरू पूर्णिमा उत्सव
आपके गुरू शब्द के इतिहास (1000 वर्ष पूर्व) पर भी बात रखते हुए सदगुरू एवं आचार्य शब्द तक के सफर को रेखांकित किया। गुरू (दीर्घ) शिष्य (लघु) पर प्रकाश डालते हुए कबीर दास, तुलसीदास, द्रोणाचार्य, नचीकेता, कृष्ण-अर्जुन आदि के संस्मरणों एवं गुरू शिष्य परंपरा पर उदबोधन दिया । मातृ पितृ आचार्य देवो भव। इस अवसर पर समस्त महाविद्यालयीन परिवार एवं बड़ी संख्या शहर के गणमान्य नागरिक, विद्यार्थी उपस्थित थे।

Guru Purnima UTASAV: गुरू पूर्णिमा उत्सव
इस अवसर पर कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालयीन जनभागीदारी समिति अध्यक्ष विनोद करमचंदानी ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम की संयोजक डा्रॅ. इन्दु कटारिया एवं संचालन डॉ. ललिता मरमट द्वारा किया गया

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