Gold price rise prospects (how and why), and some clear (fundamental and confident) predictions/analysis.

Gold price rise prospects (how and why), and some clear (fundamental and confident) predictions/analysis.

सोने के भाव बढ़ने की संभावनाएँ (कैसे और क्यों), और कुछ सुस्पष्ट (मौलिक और विश्वस्त) अनुमान / विश्लेषण।

Gold price rise prospects (how and why), and some clear (fundamental and confident) predictions/analysis.

 1. सोने के भाव बढ़ने की संभावनाएँ — कारण और सीमाएँ

सोना (gold) एक ऐसा “सुरक्षा संपत्ति” (safe haven asset) माना जाता है — जब विश्व में आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति, जीडीपी संकट, या राजनीतिक तनाव बढ़ते हैं, तो निवेशक अपने धन को शेयर, ऋणपत्र आदि से हटाकर सोने की ओर ले जाते हैं।

नीचे कुछ मुख्य कारण हैं कि सोने का भाव और ऊपर जा सकता है:

| कारण           | विवरण / तर्क                                                                                                                                                                           

मुद्रास्फीति और मुद्रा अवमूल्यन  |

यदि अधिकांश देशों में मुद्रास्फीति ऊँची बनी रहती है और उनकी मुद्राएँ (जैसे की भारतीय रुपये, अमेरिकी डॉलर आदि) कमजोर होती हैं, तो सोना एक उत्तम संरक्षण माना जाता है।                   |

सकल ब्याज दरों में गिरावट / अनुकूल मौद्रिक नीति |

जब केंद्रीय बैंक ब्याज दरें कम करते हैं या “नरम” रुख अपनाते हैं, तो नकदी और ऋण पत्र कम रिटर्न देने लगते हैं — इस स्थिति में निवेशक सोने जैसे “नॉन-यील्डिंग” संपत्तियों की ओर जाते हैं।

राजनीतिक-आर्थिक अस्थिरता, युद्ध, तनाव    |

जियो‑राजनीतिक तनाव जैसे युद्ध, सीमा विवाद, आर्थिक प्रतिबंध (sanctions) आदि की स्थिति में निवेशक “खतरे से बचने” की प्रवृत्ति दिखाते हैं।   

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मध्य और केंद्रीय बैंक की खरीद   | कई देश (विशेषकर उभरती अर्थव्यवस्थाएँ) स्वर्ण भंडार बढ़ा रहे हैं ताकि विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लायी जा सके।                                                                      |

पूर्ति बाधाएँ / खनन लागत में वृद्धि     | यदि सोने का उत्पादन कम हो या खनन की लागत (ऊर्जा, श्रम, कानून आदि) बढ़ जाए, तो उसकी “रीअल आपूर्ति” कम होगी और मूल्य दबाव ऊपर ले जाएगा।                                                 

अन्य निवेश विकल्पों की कमजोरी  | यदि शेयर बाजार गिरता है या क्रिप्टो, रियल एस्टेट आदि में जोखिम बढ़ता है, तो निवेशक सोने की ओर पलायन कर सकते हैं।                                                                     

लेकिन, सोने की कीमतों के बहुत ऊँचे स्तर तक जाने में कुछ सीमाएँ और जोखिम भी हैं:

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ब्याज दरें / बॉन्ड यील्ड्स: यदि ब्याज दरें अचानक बढ़ें या बॉन्ड यील्ड्स बढ़ जाएं, तो सोने की अपील कम हो सकती है।

मजबूत डॉलर: चूंकि सोना इंटेरनल्लीय बाज़ार में अमेरिकी डॉलर में मूल्यांकित होता है, अगर डॉलर मजबूत हो जाए तो अन्य मुद्राओं में सोना महंगा दिखेगा और मांग कम हो सकती है।

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मांग में गिरावट: यदि जेवेलरी (गहनों) की मांग घटे या निवेश प्रवाह कम हो, तो यह दबाव डाल सकता है।

राजनैतिक / नियामक हस्तक्षेप*: सरकारें आयात शुल्क, कर, प्रतिबंध आदि लगा सकती हैं, जिससे घरेलू भावों पर नियंत्रण हो सकता है।

इसलिए, सोने की कीमत अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव से प्रभावित होती है।

 2. विश्लेषण और संभावित रुझान / अनुमान

नीचे कुछ ताज़ा खबरें और विश्लेषण हैं जो मेरी ये धारणा बल देते हैं कि सोना और ऊपर जा सकता है:

* HSBC ने अनुमान लगाया है कि सोना 2026 तक प्रति औंस $5,000 तक पहुँच सकता है।

* Bank of America ने भी अपने अनुमान को बढ़ाकर $5,000 प्रति औंस कर दिया है।

* भारत में, हाल में सोने की कीमतें ₹1,28,395 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच गई हैं।

* इस वर्ष (2025) सोने में लगभग 65% की वृद्धि हुई है।

* सोने की अंतरराष्ट्रीय मांग Q2 2025 में 1,249 टन तक बढ़ी है।

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* हालांकि, कुछ विश्लेषक जैसे Citi, BMI आदि चेतावनी दे रहे हैं कि सोना अपने वर्तमान चक्र के चरम को पास पहुँच सकता है और यदि वैश्विक आर्थिक हालात सुधरें तो पीछे भी लौट सकता है।

अब, “भारत में सोने के रेट कहाँ तक जा सकते हैं?” — इस पर एक अनुमान:

* यदि $5,000/औंस की बात की जाए — वर्तमान समय में (2025 अंत तक), सोने की कीमत (अंतरराष्ट्रीय आधार पर) $4,000+ प्रति औंस पार कर चुकी है।

* भारत में यदि रुपये की मान (USD/INR) और आयात शुल्क आदि को ध्यान में रखें, तो ₹1,50,000–₹2,00,000 प्रति 10 ग्राम तक का स्तर संभव है, यदि उपरोक्त “उच्च विकास” वाला ट्रैक सच हो जाए। (यह बहुत आक्रामक अनुमान है और जोखिम अधिक है।)

* एक “मध्यम” परिदृश्य यह हो सकता है कि अगले 1–2 वर्षों में भारत में सोने का भाव ₹1,40,000–₹1,60,000 प्रति 10 ग्राम तक जाए, परंतु इस स्तर तक पहुँचने की बाधाएँ और दबाव भी होंगे।

* यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था सुधर जाए, ब्याज दरें ऊँची रहें, डॉलर मजबूत हो जाए, तो इस बुल रन में एक पलटाव (correction) आ सकता है।

निष्कर्ष (संक्षिप्त में)

* हाँ, भारत में सोने का भाव अभी और ऊपर जा सकता है, खासकर यदि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बनी रहे और मुद्रास्फीति दबाव हो।

* लेकिन “कहाँ तक” जाना संभव है — एक द्वार खुला अनुमान: ₹1,50,000–₹2,00,000 प्रति 10 ग्राम (अत्यंत आक्रामक रुझान) या अधिक संभावना: ₹1,40,000–₹1,60,000 तक।

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