Dr. Sarvapalli Radhakrishnan, special on Teachers' Day 3 September

Dr. Sarvapalli Radhakrishnan, special on Teachers’ Day 5 September

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, 5 सितम्बर शिक्षक दिवस पर विशेष

Dr. Sarvapalli Radhakrishnan, special on Teachers’ Day 5 September

शिक्षक दिवस 2025: गुरु को समर्पित एक खास दिन – क्यों और किसकी याद में मनाया जाता है?

नई दिल्ली, 3 सितम्बर 2025:

हर साल 5 सितम्बर को देशभर में शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) बड़े ही सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

Dr. Sarvapalli Radhakrishnan, special on Teachers’ Day 5 September

इस खास मौके पर देश भर के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों ने अपने शिक्षकों को सम्मानित किया, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, और शिक्षकों के योगदान को याद किया गया।

क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

शिक्षक दिवस भारत में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में हर वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है, जो कि भारत के दूसरे राष्ट्रपति, एक महान दार्शनिक, शिक्षाविद और शिक्षक थे।

जब वे राष्ट्रपति बने, तो कुछ छात्रों और शुभचिंतकों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई। इसके जवाब में डॉ. राधाकृष्णन ने कहा:

Dr. Sarvapalli Radhakrishnan, special on Teachers’ Day 5 September

 “अगर आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं, तो उसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं।”

तब से लेकर आज तक, 5 सितम्बर को हम गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए शिक्षक दिवस मनाते हैं।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे?

 जन्म: 5 सितम्बर 1888, तमिलनाडु

शिक्षा: दर्शनशास्त्र में विशेषज्ञता

पद: भारत के पहले उपराष्ट्रपति (1952–1962) और दूसरे राष्ट्रपति (1962–1967)

योगदान: भारतीय शिक्षा प्रणाली, दर्शन, और नैतिक मूल्यों के क्षेत्र में अमूल्य योगदान

Dr. Sarvapalli Radhakrishnan, special on Teachers’ Day 5 September

सम्मान: भारत रत्न (1954)

कैसे मनाया जाता है यह दिन?

* छात्र-छात्राएं शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम करते हैं

* शिक्षकों को उपहार, धन्यवाद पत्र, और सम्मान दिया जाता है

* कुछ स्थानों पर छात्र स्वयं शिक्षक की भूमिका निभाकर कक्षा लेते हैं

* डिजिटल माध्यम से भी अब ऑनलाइन शिक्षक दिवस कार्यक्रम लोकप्रिय हो रहे हैं

इस शिक्षक दिवस पर आइए, हम सब मिलकर अपने शिक्षकों का सम्मान करें और उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलने का संकल्प लें।

 **”गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वरः।

 गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।।”

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