आधुनिक तकनीक से करें गेहूं की खेती
Cultivate wheat using modern technology
रतलाम 28 नवंबर/उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्रीमती नीलम चौहान ने बताया कि रतलाम जिले में रबी फसलों की बोनी लगभग 3 लाख हेक्टेयर में की जाती हैं जिसमें मुख्य फसले गेहूं, चना, सरसों, अलसी, मसूर, मटर की खेती की जाती है रतलाम जिले में गेहूं की फसल लगभग 175000 हेक्टेयर में की जाएगी।
Cultivate wheat using modern technology गेहूं के लिए सामान्यतः नाइट्रोजन (यूरिया), सल्फर एवं पोटाश 4:2:1के अनुपात में खाद (उर्वरक) देना चाहिए। मिट्टी परीक्षण के आधार पर नाइट्रोजन (यूरिया), फास्फेट एवं पोटाश की मात्रा का निर्धारण करें, बुवाई के समय सल्फर एवं पोटाश की पूरी तथा नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा बुवाई के समय उपयोग करें। नाइट्रोजन यूरिया की शेष मात्रा दो बराबर हिस्सों में बाटकर पहली तथा दूसरी सिंचाई के साथ दे।
Cultivate wheat using modern technology गेहूं में पहली सिंचाई, बोनी के 25 दिनों के अंतराल में अवश्य करें क्योंकि इस समय क्राउन रूट बनती है जिससे कल्ले ज्यादा होंगे। दूसरी सिंचाई 40 से 45 दिन में, तीसरी सिंचाई 60 से 70 दिन में, चौथी सिंचाई 80 से 90 दिन में, पांचवी सिंचाई 90 से 100 दिन में दुग्धावस्था में देने से अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है।
Cultivate wheat using modern technology नई विकसित किस्म में तीन से चार सिंचाई की आवश्यकता है, 3 से 4 सिंचाई पर्याप्त है उपज 55 से 60 क्विंटल होती हैं। जहां तक संभव हो स्प्रिंकलर का उपयोग करें, गेहूं फसल में फूल अवस्था में स्प्रिंकलर (फव्वारा पद्धति) का उपयोग नहीं करना चाहिए इससे फूल झड़ जाते हैं।
Cultivate wheat using modern technology रबी फसलों में बीजोपचार एवं भूमि उपचार द्वारा विभिन्न प्रकार की बीमारियों एवं जैविक खाद का प्रबंधन करके अच्छी एवं गुणवत्ता युक्त उपज प्राप्त कर सकते हैं किसान भाई संतुलित मात्रा में खाद (उर्वरक) का उपयोग करें जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं।
