रतलाम रावण दहन में भ्रष्टाचार को लेकर संभागायुक्त उज्जैन संभाग, के नाम सोपा ज्ञापन
A memorandum was submitted to the Divisional Commissioner, Ujjain Division, regarding corruption in the Ratlam Ravana Dahan.
रतलाम शहर / नगर निगम रतलाम में भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच के आदेश को लेकर कलेक्टर रतलाम को कांग्रेस ने ज्ञापन सोप उच्च स्तरीय जांच की मांग की
रतलाम शहर / नगर निगम रतलाम द्वारा दशहरे के पावन अवसर पर नेहरू स्टेडियम में रावण दहन का कार्यक्रम आयोजीत किया गया रावण दहन बनाये गये रावण के पुतले को जिसके लिये 4.22 लाख रूपये में ठेका दिया गया था. वह रावण का पुतला तीन बार प्रयास करने के बाद भी अर्ध दहन मे रहा और इस ऐतीहासीक घटना से जनता में आक्रोश फेल गया।
मौके पर उपस्थित जनता ने नगर निगम मुर्दाबाद और नगर निगम अधीक्षक भ्रष्टाचारी रावण से भी हारी के जमकर नारे लगाये गये। आक्रोशित लोगों पर पुलिस द्वारा अभद्रता पुर्ण व्यवहार किया गया।
नगर निगम रतलाम में सीवरेज, जलप्रदाय योजना, सड़को का निर्माण तथा सड़को का उन्नयन, खरीदी आदि में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा हैं और इसका जीवंत उदाहरण रावण दहन की घटना हैं. जो पूतला किसी जमाने में 50 से 60 हजार में बनता था आज उसे 2 से 3 लाख में बनाने का ठेका दिया जा रहा हैं और उसके बाद भी अमानक गुणवत्ता का पूतला लगाकर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं.
माननीय रावण का दहन हमारी संस्कृति और आस्था का सबसे बड़ा उत्सव हैं. विद्वान आचार्य फरमाते हैं कि रावण के दहन से उस शहर में राक्षसी प्रवृत्तियों का नाश होता हैं तथा नागरिको में और विशेषकर युवाओं में दैविक प्रवृत्ति का विकास होता हैं. शास्त्रों के ज्ञाता प्रखण्ड पंडित तथा शक्तिपीठों के शंकराचार्य फरमाते हैं कि जहां पर रावण का दहन नहीं हो पाता वहां पूरे वर्षभर कई प्रकार की अशुभ घटनाएँ होती रहेगी तथा जनता आर्थिक रूप से और मानसिक रूप से परेशान रहेगी.
A memorandum was submitted to the Divisional Commissioner, Ujjain Division, regarding corruption in the Ratlam Ravana Dahan.
आपसे विनम्म प्रार्थना हैं कि नगर निगम के विभिन्न घटको में हो रहे भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच की जाय तथा रावण दहन में हुई अधार्मिक अशोभनिय घटना के दुष्परिणाम को रोकने के लिये विद्वानों की राय अनुसार धार्मिक क्रियाओं का आयोजन किया जाय ताकि इस शहर पर पूरे वर्ष होने वाली अशुभ घटनाओं को रोका जा सकें तथा आम आदमी के सामाजिक और आर्थिक विकास तथा नागरिको को मानसिक शांति की प्राप्ति हो