सम्पदा 2.0 ओटीपी नियम वेण्डर और आमजन की बढ़ती परेशानियां, सरकार को मिलने वाला राजस्व घाटा
The SAMPADA 2.0 OTP rules are creating increasing problems for sellers and the public.
News By Rajesh Wasanwal / Ratlam
मध्यप्रदेश में स्टाम्प बनाने के नियमों में हाल ही में लागू किए गए ’सम्पदा 2.0 ओटीपी’ नियम ने न केवल आमजन को बल्कि वेण्डरों को भी बड़ी मुश्किलों में डाल दिया है। इस नए नियम के तहत अब स्टाम्प प्रक्रिया के दौरान ओटीपी (One&Time Password) की अनिवार्यता को लागू किया गया है, जिससे हर लेन-देन के समय एक एकल ओटीपी सत्यापन की जरूरत होती है।
वेण्डरों की मुसीबत
वेंडर समुदाय के लिए यह नियम विशेष रूप से कठिन साबित हो रहा है। मध्यप्रदेश में सैकड़ों छोटे वेण्डर, जो स्टाम्प की बिक्री के लिए स्थानीय कार्यालयों और कार्यालय परिसर में काम करते हैं, अब इस ओटीपी प्रणाली के कारण समय और संसाधनों की बर्बादी कर रहे हैं।
जिससे ओटीपी प्राप्त करने में देरी होती है। ग्राहकों और वेण्डरों को ओटीपी के लिए बार-बार इंतजार करना पड़ता है, जिससे बहुत अधिक समय लग जाता है।
आमजन की कठिनाइयाँ
आम जनता के लिए यह ओटीपी प्रणाली एक नया झंझट बन गई है। किसी विभाग विशेष को प्रदान करने वाला स्टाम्प निकालने के लिये ग्राहक आता है तो जीस विभाग में स्टाम्प देना है उस विभाग का अधिकारी स्टाम्प निकाले जाने हेतु ओटीपी नही देता है ऐसे में ग्राहक परेशान होता है समय की बर्बादी होती है ग्राहक चिढ कर चला जाता है और सरकार को कोसता है।
The SAMPADA 2.0 OTP rules are creating increasing problems for sellers and the public.
बैंक
बैंक में ग्राहक अगर लोन प्राप्त करता है तो बैंक कर्मीयों के द्वारा लोन लिये जाने हेतु स्टाम्प बनवाकर लाने का ग्राहक को कहा जाता है ऐसे में जब ग्राहक स्टाम्प वेंडर के पास स्टाम्प बनायेे जाने हेतु आता है तो स्टाम्प बनाये जाने की प्रक्रिया को पुर्ण करने हेतु संबंधीत बैंक कर्मचारी अधिकारी का आधार नाम मोबाईल नम्बर लेकर ओटीपी प्राप्त किया जाता है जो कि स्टाम्प बनाये जाने की प्रक्रिया है।
किन्तु बैंक अधिकारी यह कहते हुवे कि बगैर ओटीपी के स्टाम्प बन जावेगा अपना पल्ला झाड लेते है और स्टाम्प नही बनता ऐसे में ग्राहक को परेशानीयो को सामना करना पडता है। ग्राहक चिडता है ओर सरकार को कोसता है।
The SAMPADA 2.0 OTP rules are creating increasing problems for sellers and the public.
रेलवे
इसी प्रकार रेलवे विभाग में भी कोई अधिकारी ओटीपी देने को तैयार नही होते है रेलवे विभाग के जितने भी टेंडर या कार्य होते है या किसी अन्य प्रयोजन के लिये स्टाम्प का लगाया जाना आवश्यक होता है किन्तु रेवल विभाग का कोई भी संबंधीत अधिकारी कर्मचारी ओटीपी देने से बचते है। और जुगाड लगाकर स्टाम्प बनाये जाने का स्टाम्प वेंडर को ज्ञान देते है, कहते है
The SAMPADA 2.0 OTP rules are creating increasing problems for sellers and the public.
नगर निगम
नगर निगम से निकलने वाले कार्य के लिये स्टाम्प का उपयोग होता है ठेकेदार किसी कार्य को करने हेतु स्टाम्प खरीदने आता है और जब ओटीपी की आवश्यकता लगती है तो कोई भी कर्मचारी इसके लिये तैयार नही होता है कार्य सबको करवाने हेतु किन्तु कार्य करने के लिये तैयार कोई नही होता यह हाल है नगर निगमो का। ले दे के परेशानी किसको होती है ग्राहक को जिसका समय व पैसा दोनो जा रहा है।
The SAMPADA 2.0 OTP rules are creating increasing problems for sellers and the public.
एमपीईबी
हमाने आपने अपने घर खेत या किसी अन्य संस्थान पर बीजली मिटर जरूर लगवाया होगा जीसके लिये इलेक्ट्रिक विभाग के चक्कर पर चक्कर भी जरूर लगाये होंगे हम बात उसी एमपीईबी की कर रहे है जहा सबसे ज्यादा जुगाड लगाये जाते है सरकार ने स्टाम्प डयूटी 1000रूपये तय कि है किन्तु मात्र अधिकारी ओटीपी से बचने के लिये ग्राहक को राय देते है कि 500रू के स्टाम्प ले आओ वह भी नही मिले तो 100 रूपये के पांच स्टाम्प ले आओ हम आपका काम कर देंगे।
यहा पर सरकार का पैसा बचाने में एमपीईबी सबसे आगे है किन्तु एक या दो स्टाम्प बनाये जाने हेतु ओटीपी देने को कोई तैयार नही होता है। सबसे ज्यादा बुरा हाल रतलाम के ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिलता है। जहा इनका कोई माई बाप नही होता है।
The SAMPADA 2.0 OTP rules are creating increasing problems for sellers and the public.
टाइम की कमी
आमतौर पर लोग अपने काम में व्यस्त रहते हैं और ओटीपी लेने के लिए कार्यालयों में समय बर्बाद करना उनके लिए बेहद कठिन हो जाता है।
समाधान की आवश्यकता
इस स्थिति को सुधारने के लिए कुछ सुधारात्मक कदम उठाए जाना अतिआवश्यक हैं, जैसे कि
मध्यप्रदेश में स्टाम्प प्रक्रिया की इस नई प्रणाली का उद्देश्य अवश्य ही सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाना है, लेकिन इसे लागू करने से पहले इन तकनीकी और प्रायोगिक पहलुओं पर ध्यान देना बेहद आवश्यक है। इसके बिना यह कदम आम जनता और वेण्डरों के लिए सिर्फ और सिर्फ परेशानी का कारण बन गया है। जहा सरकार को मिलने वाला राजस्व घाटा भी दर्शित होता है।
The SAMPADA 2.0 OTP rules are creating increasing problems for sellers and the public.
