Special Report: Navratri 2025 — माँ दुर्गा का आगमन हाथी पर सवार होकर आ रही हैं माता

Special Report: Navratri 2025 — माँ दुर्गा का आगमन हाथी पर सवार होकर आ रही हैं माता

Special Report: Navratri 2025 – The Arrival of Maa Durga – The Mother is coming riding on an elephant!

✍️ रिपोर्ट: \[राजेश वासनवाल]

Special Report: Navratri 2025 – The Arrival of Maa Durga – The Mother is coming riding on an elephant

नई दिल्ली, सितम्बर 2025 — माँ दुर्गा का आगमन – हाथी पर सवार होकर आ रही हैं माता!

शक्ति उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्रि 2025 इस वर्ष विशेष संयोग लेकर आ रहा है। माँ दुर्गा की आराधना के ये नौ दिन भक्ति, शक्ति और साधना का अद्भुत संगम होंगे। आइए जानते हैं कब है घटस्थापना, क्या है पूजा विधि, और इस बार नवरात्रि में क्या है खास।

नवरात्रि 2025 की शुरुआत और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि आरंभ: रविवार, 28 सितंबर 2025

घटस्थापना मुहूर्त:

प्रातः 06:08 से 07:45 बजे तक (1 घंटा 37 मिनट)

— यह समय प्रतिपदा तिथि के भीतर आता है और शुभता से भरपूर है।

Special Report: Navratri 2025 — माँ दुर्गा का आगमन हाथी पर सवार होकर आ रही हैं माता

प्रतिपदा तिथि:

आरंभ – 27 सितंबर को रात 11:56 बजे

समाप्त – 29 सितंबर को रात्रि 01:20 बजे तक

नोट: घटस्थापना हमेशा प्रतिपदा के दौरान और अभिजीत मुहूर्त के पास की जाती है। इससे साधना का संकल्प सफल होता है।

घटस्थापना विधि:  कैसे करें माँ दुर्गा का स्वागत

1. कलश स्थापना: मिट्टी के पात्र में जौ बोएँ और उसके ऊपर जल से भरा कलश रखें।

2. कलश में रखें: सुपारी, सिक्का, पंचमेवा और आम के पत्ते। ऊपर नारियल रखें जो लाल कपड़े से लिपटा हो।

3. दुर्गा सप्तशती पाठ: घटस्थापना के बाद देवी के समक्ष अखंड ज्योति जलाएं और नौ दिनों तक पाठ करें।

4. नवदुर्गा पूजन: प्रत्येक दिन माँ के अलग-अलग रूप की पूजा करें — शैलपुत्री से सिद्धिदात्री तक।

इस बार नवरात्रि में क्या है खास?

माँ दुर्गा का आगमन – हाथी पर सवार होकर आ रही हैं माता!

ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, इस बार देवी का आगमन “गज” यानी हाथी पर हो रहा है।

शुभ संकेत: हाथी पर आगमन सुख, समृद्धि, वर्षा और शांति का प्रतीक माना जाता है।

विजयदशमी (दशहरा): मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 — मंगल का दिन होने से रावण दहन और शक्ति पूजा का यह दिन अत्यंत प्रभावशाली रहेगा।

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राजयोग और सिद्धि योग का संयोग:

नवरात्रि के दौरान कुछ दिन सिद्धि योग और अमृत योग बन रहे हैं जो साधना को सफल बनाने में सहायक होंगे।

आस्था का पर्व, आत्मशक्ति की साधना

नवरात्रि केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मबल, आत्मनियंत्रण और आत्मशुद्धि का पर्व है। नौ दिन का उपवास, ध्यान और साधना व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है।

मां दुर्गा की उपासना से नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है।

विशेषज्ञों की राय

ज्योतिषाचार्य पंडित मनु शर्मा के अनुसार:

“इस बार नवरात्रि में ग्रहों की स्थिति अत्यंत अनुकूल है। साधना करने वाले भक्तों को विशेष लाभ मिलेगा। विशेष रूप से नौकरी, व्यापार और विवाह संबंधी समस्याओं में समाधान मिलेगा।”

इस नवरात्रि 2025 में माँ दुर्गा सुख, समृद्धि और शक्ति का वरदान लेकर आ रही हैं। यह पर्व केवल पूजा-पाठ का समय नहीं, बल्कि अपने भीतर की शक्ति को पहचानने का अवसर भी है।

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