Nagchandreshwar Mandir की खास परंपरा एवं खासियत
उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर (Nagchandreshwar Mandir) की खास परंपरा है कि यह मंदिर केवल नागपंचमी के अवसर पर ही साल में एक बार ही खोला जाता है, और वह भी सिर्फ 24 घंटे के लिए ।
🕛 पट खुलने व दर्शन का समय
- पट खुलने का समय: 28 जुलाई रात 12:00 बजे से
- दर्शन खुलना: पट खुलने के लगभग 40 मिनट बाद, यानी रात 12:40 बजे से आम भक्तों के लिए दर्शन आरंभ होते हैं। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा त्रिकाल पूजा की जाती है
- दोहरी पूजा: दोपहर 12 बजे जिला प्रशासन और शाम को मंदिर समिति द्वारा विशेष पूजा-अर्चना होती है
- पट बंद होने का समय: 29 जुलाई रात 12:00 बजे, पूजा के साथ सुनियोजित समापन किया जाता है
पूजा-विधि एवं महत्व
- दर्शन आरंभ होते ही सबसे पहले त्रिकाल पूजा की जाती है:
- रात में महानिर्वाणी अखाड़ा द्वारा
- दोपहर 12 बजे जिला प्रशासन की ओर से
- शाम को महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा
- ऐसा माना जाता है कि नागचंद्रेश्वर के दर्शन से कालसर्प दोष और पितृदोष समाप्त होते हैं, क्योंकि इस दिन नाग देवता के दर्शन से विशेष कृपा मिलती है
📋 संक्षिप्त सारांश
| घटना | समय |
| पट खुलना | 28 जुलाई रात 12:00 बजे |
| भक्तों के दर्शन की शुरुआत | रात 12:40 बजे (अनुमानित) |
| प्रशासन पूजा | दोपहर 12:00 बजे |
| समिति द्वारा शाम पूजा | संध्या आरती के बाद |
| पट बंद होना | 29 जुलाई रात 12:00 बजे |
🧭 सुझाव व पूर्व तैयारी
- भक्तों की भारी भीड़: अनुमानित एक‑दस करोड़ श्रद्धालु शामिल होते हैं। प्रशासन द्वारा 200 वरिष्ठ अधिकारी, 2500 कर्मचारी, 1800 पुलिसकर्मी, और 560 सीसीटीवी कैमरे तैनात किए गए हैं ताकि दर्शन व्यवस्थित हों
- प्रवेश मार्ग व्यवस्था: विशेष बैरिकेडिंग और एरोब्रिज मार्ग से दर्शन हेतु अलग लाइन बनाई जाती है
- दर्शन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था: कुछ समाचारों में शीघ्र दर्शन हेतु ऑनलाइन बुकिंग का भी जिक्र है—यदि उपलब्ध हो तो जांच लें
🔔 निष्कर्ष
- नागपंचमी पर ही यह मंदिर हर साल सिर्फ एक बार खोलता है और 24 घंटे तक भक्तों को दर्शन प्रदान करता है।
- दर्शन विधि में त्रिकाल पूजा, प्रशासन एवं समिति पूजा, एवं विशिष्ट मार्ग व्यवस्था शामिल है।
- यदि आप इस वर्ष उज्जैन में दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तो रात 12 बजे से दर्शन हेतु पहुंचकर धर्मार्थ पूजन विधि में भाग ले सकते हैं।
Nagchandreshwar Mandir की खास परंपरा एवं खासियत
