2025 उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर और नाग पंचमी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, पूजा – विधि व दर्शन समय
2025 उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर और नाग पंचमी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, पूजा – विधि व दर्शन समय आपके लिए सरल व संपूर्ण रूप में प्रस्तुत हैं:
News by Rajesh wasanwal Time 10:58
नाग पंचमी 2025 – तिथि, मुहूर्त और महत्व
- तिथि: मंगलवार, 29 जुलाई 2025
- पंचमी तिथि प्रारंभ: 28 जुलाई रात 11:24 बजे
- समाप्ति: 30 जुलाई सुबह 12:46 बजे
- शुभ पूजा समय: सुबह 5:41 बजे से 8:23 बजे तक
पूजा विधि:
- सुबह स्नान व शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- नागदेव (विशेष रूप से नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा) के समक्ष दीपक जलाएँ।
- दूध, दही, फल, फूल, मिठाई, जलादि अर्पित करें।
- मंतर—
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले…
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्…
का जाप करें
लाभ: नागदेवता की पूजा से कालसर्प दोष निवारण, परिवार में सुख‑शांति एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है ।
🛕 उज्जैन का नागचंद्रेश्वर (चंद्रमौल ईश्वर) मंदिर
- यह चित्र/प्रतिमा महाकालेश्वर मंदिर के तीसरे तल पर विराजमान है।
- इसकी 11वीं शताब्दी की मूर्ति है, जिसमें शिव-पार्वती नागशय्या पर विराजित दिखाई देते हैं ।
- वर्ष में केवल नाग पंचमी के दिन ही मंदिर के पट खोले जाते हैं:
- 28 जुलाई की मध्यरात्रि (12 बजे) खोलें
- 29 जुलाई के दिन और रात 12 बजे पुनः बंद
विशेष महत्त्व:
- सिर्फ इस दिन ही प्रतिमा के दर्शन संभव हैं।
- माना जाता है कि दर्शन मात्र से कालसर्प दोष दूर होता है।
- प्रतिमा पर विशेष अभिषेक, जैसे दूध, जलादि अर्पण की परंपरा है।
- भीड़ उमड़ती है और व्यवस्थाएँ मंदिर समिति व अखाड़ा करते हैं ।
🕓 महाकालेश्वर मंदिर – चंद्रमौल पूजा व दर्शन समय
प्रकार | समय |
भस्म आरती | रोजाना सुबह 4:00 बजे |
मंदिर खुलने का समय | सुबह 4:00 बजे – रात 11:00 बजे |
VIP दर्शन | सुबह 6:00–10:30 व शाम 6:30–10:30 बजे |
सामान्य दर्शन | मंदिर खुलने से बंद तक उपलब्ध |
भस्म आरती बेहद शक्तिशाली मानी जाती है। दर्शक एवं VIP दर्शन दोनों की सुविधा उपलब्ध है ।
2025 उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर और नाग पंचमी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, पूजा – विधि व दर्शन समय
✅ सारांश
- 29 जुलाई 2025 को नाग पंचमी है।
- सुबह 5:41–8:23 बजे तक शुभ समय।
- नागचंद्रेश्वर मंदिर: पट 28 जुलाई रात 12 बजे खुलेंगे, 29 जुलाई रात 12 बजे बंद।
- दर्शन मात्र से कालसर्प दोष निवारण की मान्यता।
- महाकालेश्वर मंदिर: भस्म आरती सुबह 4 बजे, दर्शन सुबह 4 से रात 11 बजे, VIP दर्शन सुबह और शाम में।
🔔 यात्रा हेतु सुझाव:
- 28 जुलाई की मध्यरात्रि से पहले पहुंचें, दर्शन हेतु लाइन में शामिल हों।
- सुबह 5:30 बजे से से तेज़ पवित्र कार्यक्रम आरंभ होता है—पूजा-विधि में भाग लें।
- दर्शन के पश्चात साधारण आर्टियाँ और मंदिर की अन्य अनुष्ठानों में सम्मिलित हों।