महासतिया जी के सानिध्य मे मना स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्र बनना लेकिन स्वछंद कभी मत बनना : डॉ संयमलता जी म.सा.
रतलाम । भारत देश केवल भूमि का टुकड़ा नही है। हिमालय इसका शिखर है, कन्याकुमारी चरण है और नीचे समुद्र उसके चरण धोता है।
भारत को माता कहा जाता है। अगर भारत की पहचान लाल किले, कुतुब मीनार और इंडिया गेट से होती तो इसे पत्थरों का देश कहते ।
भारत की पहचान तो यँहा के संस्कार और सँस्कृति से है । यह राम के त्याग, महावीर की अहिंसा, बुद्ध की करुणा के कारण पहचाना जाता है। उक्त विचार धर्मसभा मे जैन दिवाकरीय डॉ संयमलता म सा ने व्यक्त किए ।
आपने कहा की भारत के ध्वज के रंग केसरिया सफेद और हरा है जँहा केसरिया वीरता और त्याग का सूचक है, सफेद शांति और हरा समृद्धि का सूचक है। ऐसे झण्डे की परिकल्पना करने वाले को नमन है। क्योंकि जँहा त्याग है वँहा शांति है और जँहा शांति है वँहा समृद्धि है। हम स्वामिभक्त बने, देशभक्त बने, अनीति अन्याय को खत्म करे ।
आजादी के पहले हमनें नारे लगाए अंग्रेजो भारत छोड़ो, आज के वक्त में हमें नारा लगाना है कि भ्रष्टाचार भारत छोड़ो।
शहीद अमरचंद बांठिया सिंधिया शासन के खजांची थे। उन्होंने 1857 के संग्राम के लिये खजाने खोल दिये थे। अंग्रेजो ने उन्हें फाँसी की सजा दी। फाँसी के तख्ते पर उन्होंने नवकार का स्मरण किया तो पहली बार में रस्सी टूट गई, फिर लकड़ी टूट गई । फिर अंग्रेजो ने उन्हें शहर के बीचों बीच पेड़ पे फाँसी की सजा दी और उनका शव तीन दिनों तक पेड़ पर लटका रहा। उन तीन दिनों तक नगर के लोगों ने अन्न जल तक ग्रहण नही किया।
स्वतंत्र बनना लेकिन स्वछंद कभी मत बनना : डॉ संयमलता जी म.सा.
दक्षिण चन्द्रिका जैन दिवाकरीय महासती डॉ संयमलता म सा, डॉ अमितप्रज्ञा म सा, डॉ कमलप्रज्ञा म सा, साध्वी सौरभप्रज्ञा म सा के सानिध्य मे सैलाना वालों की हवेली मे राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मना ।
श्रीसंघ मीडिया प्रभारी नीलेश बाफना ने बताया की धर्मसभा मे बड़ी संख्या मे छोटे छोटे बच्चे देशभक्ति से ओत प्रोत अलग अलग देश भक्तो की वेश भूषा मे आये थे । साथ हि धर्मसभा मे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के कलर मे कुछ श्राविका ऑरेंज कलर मे ओर कुछ श्रविका हरे कलर की वेशभूषा मे आई थी ओर पुरुष वर्ग सफ़ेद कलर पहनकर सामायिक की वेश भूषा मे थे, उनको तिरंगा के हिसाब से बैठाया गया था जिससे पुरी धर्मसभा तिरंगे मे तब्दील हो गई थी ।
कार्यक्रम मे श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ अध्यक्ष अजय खीमेसरा, महामंत्री विनोद कटारिया, कोषाध्यक्ष अमृत कटारिया, संघ रत्न इन्दरमल जैन, महेन्द्र बोथरा, मनीलाल कटारिया, सुरेश कटारिया, ललित पटवा, विनोद बाफना, जयंतिलाल डागी आदि द्वारा ध्वजारोहन किया गया ।
स्वतंत्र बनना लेकिन स्वछंद कभी मत बनना : डॉ संयमलता जी म.सा.
इस अवसर पर पार्श्व पद्मावती के एकसान का आयोजन हुआ । जिसके लाभार्थी फूलचंदजी, विजयकुमार विपिनकुमार कटारिया परिवार थे। दोपहर में देशभक्ति गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।